Saturday, May 18th, 2024

दूध पीने से बिगड़ सकता है अस्थमा! इन बातों को रखें हमेशा याद, बीमारी को मैनेज करने में मिलेगी मदद

दूध और डेयरी प्रॉडक्ट कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन जैसे जरूरी पोषक तत्व देते हैं। लेकिन अस्थमा पर इनके असर को लेकर बहस और शोध जारी है। अस्थमा एक सांस संबंधी बीमारी है जिसमें सांस की नली में सूजन और जकड़न आ जाती है। कुछ लोगों में दूध पीने के बाद अस्थमा के लक्षण बढ़ सकते हैं, हालांकि दूध और अस्थमा का संबंध हर व्यक्ति में अलग होता है।

कैसी बीमारी है अस्थमा?

एनआईएच के मुताबिक, अस्थमा एक सांस संबंधी बीमारी है जिसमें सांस की नली सूज और जकड़ जाती है। इससे घरघराहट, सांस लेने में तकलीफ, सीने में जकड़न और खांसी जैसे लक्षण पैदा होते हैं। ये लक्षण गंभीरता में अलग-अलग हो सकते हैं और अक्सर एलर्जी, रेस्पिरेटरी इंफेक्शन, एक्सरसाइज या प्रदूषण आदि से ट्रिगर हो सकते हैं। अस्थमा किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है और यह रोजमर्रा की जिंदगी को काफी प्रभावित कर सकता है।

अस्थमा में डेयरी प्रॉडक्ट का असर

 

इंफ्लामेशन

डेयरी प्रॉडक्ट में कैसिइन और व्हे जैसे प्रोटीन होते हैं, जिनसे कुछ लोगों को सेंसिटिविटी हो सकती है। संवेदनशील लोगों में डेयरी उत्पादों का सेवन शरीर में इंफ्लामेशन को ट्रिगर कर सकता है, जिससे अस्थमा के लक्षण बढ़ सकते हैं।

बलगम का बनना

कुछ अस्थमा रोगियों में डेयरी उत्पादों का सेवन करने के बाद सांस की नली में बलगम का उत्पादन बढ़ सकता है। यह अत्यधिक बलगम सांस की नली में रुकावट पैदा कर सकता है और अस्थमा से पीड़ित लोगों में सांस लेने की तकलीफ को बढ़ा सकता है।

एलर्जिक रिएक्शन

एडल्ट्स में डेयरी से असली एलर्जी कम होती है, लेकिन अस्थमा वाले कुछ लोगों को डेयरी प्रोटीन से एलर्जी या इनसेंसिटिविटी हो सकती है। डेयरी से होने वाली एलर्जी का रिएक्शन हल्के लक्षणों जैसे हाइव्स (पित्ती) और खुजली से लेकर एनाफिलेक्सिस जैसे गंभीर रिएक्शन तक हो सकता है।

 

अध्ययनों से मिले-जुले रिजल्ट

डेयरी के सेवन और अस्थमा के बीच के रिश्ते की जांच करने वाले अध्ययनों से मिले-जुले रिजल्ट सामने आए हैं। कुछ अध्ययनों में डेयरी और अस्थमा के लक्षणों के बीच सकारात्मक संबंध पाया गया है, जबकि कुछ अन्य अध्ययनों में कोई महत्वपूर्ण संबंध नहीं पाया गया।

शोध बताते हैं कि बचपन में डेयरी का सेवन अस्थमा या सांस संबंधी समस्याओं के विकास के बढ़ते जोखिम से जुड़ा हो सकता है। हालांकि, अभी तक कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं और अस्थमा के खतरे और बचपन में डेयरी के सेवन के बीच संबंध को समझने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है।

बड़े हो चुके और पहले से ही अस्थमा से पीड़ित लोगों में, अस्थमा के लक्षणों पर डेयरी के सेवन का प्रभाव अलग-अलग हो सकता है। कुछ लोगों में डेयरी का सेवन करने के बाद लक्षण खराब हो सकते हैं, जबकि कुछ लोगों पर इसका कोई खास असर नहीं पड़ सकता है।

 

 

Source : Agency

आपकी राय

5 + 7 =

पाठको की राय