Monday, May 20th, 2024

20 हजार पाक विस्थापितों की नागरिकता अटकी, भारतीय नागरिक बनने में लगेगा समय

जयपुर
राजस्थान के विभिन्न हिस्सों में रह रहे करीब 20 हजार पाक विस्थापितों की नागरिकता फिलहाल अटक गई है। राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण की वजह से नागरिकता कैंप फिलहाल स्थगित कर दिए है। ये पाक विस्थापित प्रदेश में लोंग टर्म वीजा (एलटीवी) और धार्मिक वीजा पर रह रहे हैं। जोधपुर, जैसमलेर, बाड़मेर, जालौर, सिरोही औरह उदयपुर में लगने वाले नागरिकता कैंप स्थगित कर दिए गए। गृह विभाग के अधिकारियों के अनुसार कोविड़ परिस्थिति सामान्य होने के बाद नागरिकता कैंप लगाए जाएंगे। गृह विभाग के अधिकारियों के अनुसार आवेदन प्रक्रियाधीन है। लेकिन कोराना संक्रमण की वजह से कामकाज प्रभावित हो रहा है।

जिला कलेक्टरों को नागरिकता देने की पावर
पाक विस्थापितों को नागरिकता देने के लिए एसीपी की तरफ से जांच होने के बाद कलेक्टर को रिपोर्ट भेजी जाती है। संबंधित जिला कलेक्टर केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेजता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय क्लीयरेंस के लिए आवेदन जांच एजेंसी आईबी के पास भेजता है। आईबी क्लीयरेंस के बाद संबंधित जिला कलेक्टर नागरिकता प्रदान करते हैं। इसके लिए नागरिकता कैंप लगाए जाते हैं। भारत सरकार ने राज्य के जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, सिरोही, बीकानेर, जालौर और पाली कलेक्टर के नागरिकता देने के लिए पावर दे रखी है। अन्य जिलों में राज्य सरकार का गृह विभाग नागरिकता प्रमाण पत्र देता है। इन जिलों को राज्य के गृह विभाग से अनुमति नहीं लेनी होती है। हालांकि, गृह विभाग को सूचना देनी होती है। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिकता अधिनियम, 1955 में  के 2009 के नियमों में संशोधन के तहत एक नोटिफिकेशन जारी कर पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत में विस्थापित होने वाले गैर- मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने के निर्देश दे रखे हैं।

सरकारी योजनाओं का नहीं मिल पा रहा है लाभ
राज्य के गृह विभाग के अधिकारियों के अनुसार 2 हजार से अधिक पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता दी जा चुकी है। पेंडिग आवेदनों का जल्द निपटारा कर नागरिकता से जुड़ी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। भारतीय नागरिकता का लाभ पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के उन अल्पसंख्यकों को मिलता है जो भारत में कम से कम 6 साल से निवास कर रहे हैं। अल्पसंख्यक कम्युनिटी में हिंदू, सिख, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के लोग आते हैं। राजस्थान में जोधपुर और राजधानी जयपुर में सबसे ज्यादा पाक विस्थापित रहते हैं। भारतीय नागरिकता नहीं मिलने के कारण पाक विस्थापितों को केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ लेने से वंचित है। आधार कार्ड और राशन कार्ड समेत अन्य दस्तावेज नहीं होने से सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

 

Source : Agency

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