कानपुर l करवा चौथ व्रत के साथ तमाम धार्मिक मान्याताएं तो जुड़ी ही हैं, इसके अलावा यह पति-पत्नी के अटूट बंधन का प्रतीक भी है। देखें देश में करवा चौथ कैसे मनाया जा रहा हैl करवा चौथ आज देश भर में मनाया जा रहा है। सभी सुहागिनें इस इंतजार में थीं कि कब आकाश में चांद की छटा दिखे और वह अपने प्रियतम के हाथ से पानी और खाने का पहला निवाला खाकर अपना व्रत पूर्ण करें। अब चांद दिख गया है और महिलाएं अपने व्रत खोल रही हैं। करवा चौथ के व्रत को लेकर भारतीय विवाहित महिलाओं में खासा उत्साह रहता है। आखिर ये मौका एक बार फिर दुल्हन की तरह श्रृंगार करके अपने पति के प्रति अपनी निष्ठा और प्रेम दिखाने का जो है।
वैसे महिलाओं का श्रृंगार देखकर आज चांद को भी हैरानी हो सकती है कि धरती पर उसके जैसे लाखों चांद पूरे लावण्य के साथ कैसे खिल रहे हैं। बता दें कि 2018 के करवा चौथ के साथ एक महासंयोग भी जुड़ा हुआ है। दरअसल 27 साल बाद ये संयोग आया है जिससे करवा चौथ का महत्व इस बार और भी बढ़ गया है। दरअसल आज ही के दिन संकष्टी गणेश चतुर्थी भी होने से इस बार करवा चौथ के व्रत पर अमृत सिद्धि और सर्वार्थ सिद्धि का योग बन रहा है।
ऐसे में करवा चौथ को और भी श्रद्धा पूर्वक मनाया जा रहा है। यहां देखें देश भर में कैसे मनाया जा रहा है करवा चौथ का त्योहार :
चांद के दीदार के साथ महिलाओं ने अपने व्रत खोलने शुरु कर दिए हैं। आसमान में चांद दिखने के बाद महिलाओं ने छन्नी से चांद को देखा और इसके बाद अपने पति का चेहरा निहारा। देश भर में पतियों ने अपनी पत्नियों को पानी पिलाकर उनका व्रत खोला l करवा चौथ पर सुबह की सरगी का खास महत्व माना जाता है। ऐसा बोला जाता है कि करवा चौथ की शुरुआत बहुओं के लिए ससुराल में सांस के प्रेम से होती है। इस दिन घर की बुजुर्ग महिलाएं अपनी बहुओं को सरगी देती हैं। सास न हो कोई भी वरिष्ठ सदस्य सरगी दे सकता है। बता दें कि करवा चौथ का व्रत कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। अमूमन विवाहित महिलाएं करवाचौथ का व्रत रखती हैं लेकिन कुछ कुंवारी महिलाएं भी अच्छे पति की मनोकामना करने के साथ इस व्रत को रखती हैं। इस खुशी के मौके पर महिलाएं घर में कई तरह के पकवान भी बनाती हैं।
करवा चौथ के दिन महिलाओं के लिए उनकी थाली का विशेष महत्व होता है। थाली को सही तरह से जरूरी चीजें रखने पर सुहागिनों को सही पुण्य मिलता है। पति की लंबी उम्र के लिए महिलाओं को पूजा की थाली में आंटे का दीपक रखना चाहिए। आटे के दीये को उम्र बढ़ाने वाला माना जाता हैl
करवा चौथ के दिन सुहागिनें कठिन व्रत रखती हैं। महिलाएं पूरे दिन भूखी और प्यासी रहती हैं और चांद निकलने के बाद ही अपना व्रत खोलती हैं। इसी वजह से इस दिन शाम को महिलाओं को चांद का बेसब्री से इंतजार होता
बनारस में करवा चौथ पर महिलाओं के पारंपरिक परिधान और रीति-रिवाज के साथ पूजा करने की तस्वीरें सामने आई हैं। देश भर के अलग-अलग हिस्सों में करवा चौथ का त्योहार उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इसकी तस्वीरें लगातार सोशल मीडिया पर सामने आ रही हैं।
मंदिर में महिलाएं करवा चौथ पूजा के लिए इकट्ठा हुई हैं। यहां महिलाओं को बेसब्री से चांद का इंतजार है। मंदिर में मौजूद महिलाओं की कुछ तस्वीरें भी सामने आई हैं।
इस तरह देश भर में प्रेम के प्रतीक इस त्योहार की धूम है। इसी के साथ आप ये भी जान लें कि करवा चौथ का व्रत महाभारत काल से चला आ रहा है। कहा जाता है कि खुद द्रौपदी ने भी इस व्रत को रखा था। वहीं कुछ जगहों पर भाई की सलामती के लिए भी यह व्रत रखा जाता है।