फिल्म का नाम: पलटन
डायरेक्टर: जे पी दत्ता
स्टारकास्ट: अर्जुन रामपाल, हर्षवर्धन राणे, गुरमीत चौधरी, लव सिन्हा, सिद्धांत कपूर, जैकी श्रॉफ, सोनल चौहान, दीपिका कक्कड़ ,सोनू सूद, ईशा गुप्ता
अवधि: 2 घंटा 34 मिनट
सर्टिफिकेट: U/A
रेटिंग: 2.5 स्टार
डायरेक्टर निर्माता-निर्देशक जेपी दत्ता का नाम जब भी सामने आता है तो बॉर्डर, LOC Kargil, रिफ्यूजी जैसी फिल्में आंखों के सामने नजर आ जाती हैं. इन फिल्मों का फ्लेवर देशभक्ति था. इस बार पलटन के माध्यम से उन्होंने 1962 के सिनो इंडियन वॉर के बारे में ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की है. एक बार फिर से कई सारे एक्टर्स को मिलाकर यह फिल्म बनाई गई है. आइए जानते हैं आखिरकार कैसी बनी है यह फिल्म.
कहानी
फिल्म की कहानी 1962 के चीन के द्वारा नाथुला पासिंग पर हमला करने से शुरू होती है. जिसकी वजह से हमारे 1383 जवान शहीद हुए. हजारों घायल और लापता भी हुए थे. जिसके बाद बॉर्डर पर सगत सिंह (जैकी श्रॉफ) के कहने पर लेफ्टिनेंट कर्नल राय (अर्जुन रामपाल) के अंडर में मेजर हरभजन सिंह (हर्षवर्धन राणे), लेफ्टिनेंट अत्तर (लव सिंहा), कैप्टन पृथ्वी डागर (गुरमीत चौधरी), मेजर बिशन सिंह (सोनू सूद) और हवलदार पराशर (सिद्धांत कपूर) सीमा की सुरक्षा करने में लग जाते हैं. नाथुला पोस्ट की सुरक्षा का काम बिशन को दिया जाता है. चीनी सेना से बार-बार छोटी मोटी लड़ाई होती रहती है. बाद में फेंसिंग बनाने के कारण बात बढ़ने लगती है. इसी बीच कहानी फ्लैशबैक और प्रेजेंट में चलती रहती है. जिसकी वजह से सभी अपने अपने परिवार को याद करते हैं. जंग छिड़ती है और अंतत: एक रिजल्ट सामने आता है, जिसे जानने के लिये आपको फिल्म देखनी पड़ेगी.
जानिए आखिर फिल्म को क्यों देख सकते हैं
वॉर फिल्मों की सबसे बड़ी खासियत तब दिखती है जब असली जंग छिड़ती है. पूरे माहौल को जेपी दत्ता ने इमोशन के साथ बढ़िया तरीके से शूट किया है. अर्जुन रामपाल, सोनू सूद, गुरमीत चौधरी, हर्षवर्धन राण , जैकी श्राफ का काम बढ़िया है. वहीं लव सिन्हा और बाकी किरदारों का काम सहज है. सोनू निगम का गाया हुआ गीत इमोशन भरता है. कहीं-कहीं आंखें नम भी हो जाती हैं.
कमज़ोर कड़ियां
फिल्म की कमजोर कड़ी इसका इंटरवल से पहले का हिस्सा है. जो भूमिका बनाने के चक्कर में काफी लंबा हो जाता है. फिल्म में काफी प्रेडिक्टेबल पल आते हैं जो कि नयापन नहीं दे पाते. अगर जंग के सीन को छोड़ दें तो बाकी कहीं भी देशभक्ति की भावना उभरकर सामने नहीं आ पाती. जैकी श्रॉफ और कई ऐसे किरदार हैं जिनका ज्यादा प्रयोग नहीं किया गया है. चीनी सेना की कास्टिंग काफी फीकी है. जिसे दुरूस्त किया जाता तो देखते वक्त दिलचस्पी और बढ़ी रहती. बांधकर रख पाने में फिल्म नाकामयाब रहती है. कई जगहों पर किरदार का लिप सिंक भी सही नहीं है. इतनी बड़ी सीमा पर 20-25 सैनिक दिखाई देते हैं जो कॉस्ट कटिंग दर्शाता है.
बॉक्स ऑफिस
फिल्म का बजट लगभग 25 करोड़ बताया जा रहा है. जी स्टूडियोज के बैकअप के साथ यह फिल्म रिलीज की गई है. जेपी दत्ता एक समय में ब्रांड भी हुआ करते थे. देखना बेहद खास होगा कि उनकी ब्रांड वैल्यू के हिसाब से इस फिल्म को किस तादाद में जाकर दर्शक देखना पसंद करेंगे.