राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी के ग्राम-स्वराज और हमारे दिव्यांग राष्ट्रपति डा ० अब्दुल कलाम के पुर (प्रोविडिंग अर्बन एमेनिटीज टू रूरल एरियाज) के सपनों से प्रेरणा लेते हुए एक ऐसे मॉडल गाँव की केल्पल्पना की गयी है जिसमें तकनीक, लोगों की अच्छी सोच, कौशल और उद्यमशीलता की भावना का एक समावेश हो। मॉडल गाँव का लक्ष्य है कि गाँव का समावेशी और सतत विकास हो। यह आर्थिक रूप से सशक्त, सामाजिक रूप से न्यायसंगत और पर्यावरण के अनुकूल हो। गाँवों को मॉडल गाँव में संशोधित करके, हम भारत को एक विकसित राष्ट्र के रूप में देखने के अपने लंबे समय से प्रतीक्षित सपनों को प्राप्त कर रहे हैं।
उपरोक्त विषय पर जिला-बांदा (उ 0 प्र 0) में अनेकों प्रयास तत्कालीन जिलाधिकारी हीरा लाल द्वारा (31.08.2018 से 24.02.2020) किए गए। वरिष्ठ आईएएस हीरालाल की मुहिम रंग ला रही है। मॉडल गांव की परिकल्पना को पंख लग गए एल मॉडल गांव एक नजीर की तरह पेश हो रहे हैं एल
ग्रामीण और को ज्ञान अर्जन यात्रा पर भेजा गया। ग्राम वासियों को विकास भवन और मंडी में बुलायाकर परीक्षण किया गया। माडल गाँव अध्ययन पर ग्राम प्रधान की टोली रालेगन सिद्धि गाँव (श्री अन्ना हजारे का माडल गाँव) और हिवड़े बाज़ार गाँव (महाराष्ट्र) के अध्ययन पर भेजा गया। ग्रामीणों की खेती के ज्ञान को बढाया गया और (अद्यतन) ज्ञान से परिचित कराया गया। निराशा को आशा में बदल गया। खेती-वाड़ी के दो उत्कृष्टता केंद्र भी बने। अरहर सम्मेलन से लोगों में कृषि व्यवसाय के प्रति जागरूकता बढ़ी।
कृषि को कृषि व्यवसाय में बदलकर, ग्रामीणों को जागरूक कर विकसित करना है। बांदा में यह प्रयोग सफल रहा। किसानों की आय, उपज, ज्ञान मनोभाव आदि बढ़ा। बाँदा के इस सफल प्रयोग को रोकने और लागू करने की ज़रूरत है।
ज्ञान शक्ति है (ज्ञान शक्ति है)। गाँवों में गाँव विकास के मुद्दों / गतिविधियों पर वहस कर, जानकारी देकर ग्रामवासियों का सशक्तीकरण (सशक्तीकरण करना) है। विकसित गाँव बनाने के लिए उपरोक्त प्रयोग को पूरे प्रदेश में गाँव-घोषणा-पत्र (ग्राम घोषणापत्र) के माध्यम से लागू करने का प्रयास किया जाना एक समुचित पहल है। सूचना और सूचना ग्रामवासियों की सहभागिता से किसान उत्पादन संगठन (FPO) का निर्माण कर गाँव के कृषि को कृषि व्यापार में बदलकर गाँव को विकसित किया जा सकता है। जिला बाँदा के प्रयोग यह साबित करते हैं।
बहुत ही सराहनीय एवं उत्कृष्ट प्रयास।
इससे ग्रामीण एवं पिछड़े क्षेत्रों के विकाश में सहायता मिलेगी और ग्रामीण क्षेत्रों में अदृश्य प्रतिभाओं को आगे लाने का अवसर मिलेगा।
इंजी.बृज उमराव
कानपुर उत्तरप्रदेश
मोब.7905300105